“स्वामीज्ञा आयुर्वेद”
“मधुमेह चूर्ण”
मधुमेह क्या है? कैसे होता है? क्या लक्षण हैं? कैसे बचें?
आजकल के इस भागदौड़ भरे युग में अनियमित जीवनशैली के चलते जो बीमारी सर्वाधिक लोगों को अपनी गिरफ्त में ले रही है वह है मधुमेह। मधुमेह को धीमी मौत भी कहा जाता है। यह ऐसी बीमारी है जो एक बार किसी के शरीर को पकड़ ले तो उसे फिर जीवन भर छोड़ती नहीं। इस बीमारी का जो सबसे बुरा पक्ष है वह यह है कि यह शरीर में अन्य कई बीमारियों को भी निमंत्रण देती है। मधुमेह रोगियों को आंखों में दिक्कत, किडनी और लीवर की बीमारी और पैरों में दिक्कत होना आम है। पहले यह बीमारी चालीस की उम्र के बाद ही होती थी लेकिन आजकल बच्चों में भी इसका मिलना चिंता का एक बड़ा कारण हो गया है।
मधुमेह कैसे होता है?
जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
यह रोग महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में अधिक होता है। मधुमेह ज्यादातर वंशानुगत और जीवनशैली बिगड़ी होने के कारण होता है। इसमें वंशानुगत को टाइप-1 और अनियमित जीवनशैली की वजह से होने वाले मधुमेह को टाइप-2 श्रेणी में रखा जाता है। पहली श्रेणी के अंतर्गत वह लोग आते हैं जिनके परिवार में माता-पिता, दादा-दादी में से किसी को मधुमेह हो तो परिवार के सदस्यों को यह बीमारी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा यदि आप शारीरिक श्रम कम करते हैं, नींद पूरी नहीं लेते, अनियमित खानपान है और ज्यादातर फास्ट फूड और मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं तो मधुमेह होने की संभावना बढ़ जाती है।
बड़ा खतरा
डायबिटीज के मरीजों में सबसे ज्यादा मौत हार्ट अटैक या स्ट्रोक से होती है। जो व्यक्ति डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं उनमें हार्ट अटैक का खतरा आम व्यक्ति से पचास गुना ज्यादा बढ़ जाता है। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने से हार्मोनल बदलाव होता है और कोशिशएं क्षतिग्रस्त होती हैं जिससे खून की नलिकाएं और नसें दोनों प्रभावित होती हैं। इससे धमनी में रुकावट आ सकती है या हार्ट अटैक हो सकता है। स्ट्रोक का खतरा भी मधुमेह रोगी को बढ़ जाता है। डायबिटीज का लंबे समय तक इलाज न करने पर यह आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे व्यक्ति हमेशा के लिए अंधा भी हो सकता है।
मधुमेह के लक्षण
- ज्यादा प्यास लगना
- बार-बार पेशाब का आना
- आँखों की रौशनी कम होना
- कोई भी चोट या जख्म देरी से भरना
- हाथों, पैरों और गुप्तांगों पर खुजली वाले जख्म
- बार-बर फोड़े-फुंसियां निकलना
- चक्कर आना
- चिड़चिड़ापन
मधुमेह चूर्ण की मात्रा
अगर शुगर 200 है (भोजन के बाद) तो इसे सुबह खाली पेट 1 चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें।
और अगर शुगर 200 से ऊपर है तो ऊपर बताए अनुसार और रात के खाने से पहले 1 चम्मच गुनगुने पानी के साथ लें।
आहार :- हो सके तो गर्म खाना ही बेहतर है।
मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए अन्य उपचार
· रक्त शर्करा को नियंत्रित करना।· मधुमेह के दुष्परिणामों से रोगियों की रक्षा करना।· वजन पर काबू।· उच्च मधुमेह, हृदय रोग आदि जैसी बीमारियों को रोकें।· रोजाना व्यायाम करें, योग करें।
- मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए|
- फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती को शामिल करें। आम, केला, सेब, खजूर तथा अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है।
उचित आहार, व्यायाम और उचित दवा मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। हमारे पास हर तरह की आयुर्वेदिक दवाएँ दवाईया उपलब्ध है|100% प्राकृतिकअधिक जानकारी के लिए संपर्क करें।9820918686 / 9820508686 / 9920932854 यदि आप मधुमेह चूर्ण ऑर्डर करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और दिए गए नंबर पर संपर्क करें।
https://www.swamidnya.com/product/diabetes/