"स्वामीज्ञा आयुर्वेद”
“मुळव्याध (पाइल्स) चूर्ण”
पाइल्स क्या है?
पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें पीड़ित व्यक्ति एनस के अंदर और बाहरी हिस्से
में सूजन आ जाती है। जिसकी वजह से एनस अंदरूनी हिस्से या बाहर के हिस्से में
स्किन जमा होकर मस्से जैसी बन जाती है और इसमें से कई बार खून निकलने के
साथ ही दर्द भी होता है। मल त्याग के दौरान जोर लगाने पर ये मस्से बाहर आ
जाते हैं। इस समस्या के कारण व्यक्ति को बैठने में भी दिक्कत होती है। चिकित्सकों के
अनुसार कई बार शर्मिंदगी के कारण लोग शुरुआत में इस पर ध्यान नहीं देते जिससे
बाद में समस्या बढ़ जाती है।
पाइल्स के कारण
कब्ज की समस्या। कब्ज के कारण पेट साफ नहीं होता है और मल त्याग में
जोर लगाना पड़ता है जिसकी वजह से पाइल्स की समस्या हो जाती है। जो
लोग ज़्यादा देर तक खड़े होकर काम करते हैं|उन्हें भी बवासीर की समस्या
हो जाती है।
पाइल्स का एक कारण मोटापा भी है।
प्रेग्नेसी के दौरान भी कई महिलाओं को पाइल्स की समस्या हो जाती है।
डिलीवरी के बाद भी यह समस्या हो सकती है।
यदि परिवार में किसी को बवासीर है| तो आपको इसे होने का खतरा बढ़
जाता है।
पाइल्स के लक्षण
मलत्याग के समय दर्द होना और रक्त या म्यूकस आना।
एनस के आसपास सूजन या गांठ जैसे होना।
एनस के आसपास खुजली होना।
मल त्याग के बाद भी ऐसा लगना कि पेट साफ नहीं हुआ है।
पाइल्स के मस्सों से सिर्फ खून आना।
क्या करें : पाइल्स के प्रभाव को कम करने अथवा इससे बचाव हेतु लोगों को कुछ
बातों का ध्यान रखना चाहिए। वजन पर संतुलन रखें| लगातार पानी पीते रहें और
डाइट में फाइबर से भरपूर फूड्स को अहमियत दें। वहीं विशेषज्ञ मानते हैं कि
एलोवेरा पल्प को खाने से भी पाइल्स का इलाज संभव है। आयुर्वेद के मुताबिक
इससे बचने में सेब का सिरका, अंजीर, नींबू,पपीता, पका केला, जीरा और
अजवाइन भी लाभकारी है।
क्या नहीं करें : बवासीर की ओर ध्यान न देने से मरीज की स्थिति बेहद
पीड़ादायक हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि लोगों को कुछ कार्यों को करने से
बचना चाहिए। जैसे कि – एक ही जगह पर ज्यादा देर तक न बैठें| भारी वस्तुओं को
न उठाएं और शौचालय में अधिक समय न लगाएं। इसके अलावा खानपान को
लेकर सतर्क होना भी जरूरी है। पाइल्स के मरीजों को ज्यादा तेल-मसाला वाले
भोजन से परहेज करना चाहिए। जंक फूड, तेल, घी, राजमा और मसूर की दाल को
खाने से बचना चाहिए।
बवासीर (पाइल्स) में तुरंत आराम के लिए क्या करें?
बवासीर मैं तुरंद आराम के हम लेके आए हैं मूळव्याध (पाइल्स) चूर्ण|
समस्या समाधान के लिए रात में सोते समय 1 चम्मच चूर्ण पानी के साथ लेना
हितकर है। इससे शीघ्र राहत मिलती है तथा बवासीर (पाइल्स) की तकलीफ धीरे-
धीरे समाप्त हो जाती है। इससे न केवल बवासीर(पाइल्स) का समाधान होता है।
मूळव्याध चूर्ण लेने से आपको बवासीर(पाइल्स) के समस्यासे राहत तो मिलेगी ही,
लेकींन बवासीर(पाइल्स) से छुठकारा मिलेगा।मूळव्याध चूर्ण कोइ भी ले सकता
(जिनको बवासीर (पाइल्स) है| इस के साथ आपको एक मरहम दिया जायेगा| जो
कि १००प्रतिशक प्राकृतिक है| इस से किसी तरह का नुकसान नही होता।
मूळव्याध (पाइल्स) चूर्ण को कैसे लिया जात है?
मूळव्याध (पाइल्स) चूर्ण :- १चमच पावडर हररोज रात के खाने के बाद पाणी मे
मिलाकार उसे पिना है।
मूळव्याध (पाइल्स) मरहम :- शौचालय जाने के बाद इसे ठीक से उस जगह पर
लगाएं जहां (पाइल्स) अंकुरित है और जहाँ आपको सुई चुभने जैसा महसूस होता है
मूळव्याध (पाइल्स) मरहम रोजाना लगानेसे आपकी
बावसीर कि तकलिफ हमेशा के लिये बंद हो जाएगी। शौचालयके समय खून
गिरना,खुजली होना, और अंकुर का निकलना धीरे धीरे कम होता है|
हमारे पास हर तरह की आयुर्वेदिक दवाएँ दवाईया उपलब्ध है|
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